प्रभात इंडिया न्यूज डेस्क बिहार।लौरिया (प्रियतम कुमार)
श्रीमद भागवत गीता को कल्पवृक्ष की उपाधि से देवताओं ने नवाजा है। जो भागवत गीता के कथा का रसास्वादन कर लिया है, उसपर श्रीठाकुर जी की कृपा सदैव बनी रहती है। उसे अच्छाई और बुराई का फर्क पता चल जाता है। उक्त बातें वृंदावन से पहुंची कथावाचिका राधा किशोरी ने धोबनी गांव में प्रखंड प्रमुख शंभू तिवारी के बड़े आवासीय परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का प्रवचन देते हुए कही। सुश्री राधा किशोरी जी ने श्रोताओं को अपने कथा में बताया कि प्रभु की कृपा और प्रभु कथा में बहुत फर्क है। प्रभु की कृपा सभी मनुष्यों पर रहता है, लेकिन जो श्रीहरि की कथा को सुनते हैं, उनपर श्रीहरि की कृपा विशेष रहती है। और कथावचन स्थल से उसके आसपास के 10 किलोमीटर की दूरी तक का स्थल पवित्र बना रहता है। कथावाचिका सुश्री किशोरी जी ने सात दिवसीय कथावचन के पहले दिन बताया कि श्रीठाकुर जी की कृपा के बगैर कुछ भी संभव नहीं है। भगवान की कथा हमारे अंधकार को खत्म करता है। हमारे काम,क्रोध,मोह, लोभ आदि को ठाकुर जी पुरी तरह से हर लेते हैं। प्रभु उसी की मदद करते हैं, जो सही और उचित है। अतएव हमें किसी के साथ छल नहीं करना चाहिए और न किसी को अपनी स्वार्थता के लिए परेशान करना चाहिए। इधर श्रीमद भागवत कथा का रसस्वादन में सैकड़ों भक्त भक्ति की गोता लगाते रहे और पूरा गांव सहित दर्जनों गांवों के श्रोता कथा को सुनते हुए झूम रहे थे।