प्रभात इंडिया न्यूज डेस्क बिहार।मुन्ना खान
मझौलिया। मझौलिया के डुमरी पंचायत स्थित रघुनाथपुर के जर्जर लोहे का पुल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है । स्कूली बच्चे राहगीर एवं ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं। इस जर्जर लोहे के पुल से प्रतिदिन सैकड़ो छोटे बड़े वाहन गुजरते हैं।
जो खतरे से खाली नही है । इस पुल से निजात दिलाने के लिए रघुनाथपुर के दर्जनों ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिला के आला अधिकारियों से कई बार गुहार लगाया लेकिन समस्या से निजात नही मिला । ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ चुनाव के समय विधायक एमएलसी सांसद आदि बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं तरह-तरह के वादे करते हैं अभिलंब फुल बनवा देने का भरोसा देते हैं लेकिन जीत जाने के बाद सारे वादे और भरोसा तोड़ देते है । पिछले दिनों एमएलसी इंजीनियर डॉक्टर सौरभ कुमार द्वारा बड़े तम-धाम के साथ स्कूल के निर्माण के लिए घोषणा की गई थी वह घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गई है । बताते चले कि पुल के समीप ही चीनी मिल का हरपुर कई एकड़ में फैला फार्म है । इसी जर्जर पुल से होकर गन्ने की ढोवाई की जाती है । कैन एक्ट के अनुसार टूटे और जर्जर पुल को मरम्मत करने का प्रावधान है। लेकिन चीनी मिल अपने दायित्व का निर्वहन नहीं करता है। बताते चलें कि बाढ़ के समय यह इलाका टापू में तब्दील हो जाता है। स्कूली बच्चों को 4 से 5 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर विद्यालय जानी पड़ती है।
ग्रामीणों में एहशान अहमद , शेख इजहार हुसैन , शेख अफसर अंसारी , बाबूलाल मुखिया , नसरुद्दीन मियां,नेयाज अंसारी , लाल महम्मद अंसारी , असरफि अली सहित दर्जनों ग्रामीणों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट
करते हुए समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।