(प्रभात इंडिया न्यूज /डेस्क/बिहार।सारण से अभिषेक कुमार )
बिहार राज्य शराबबंदी वाली सुशासन की सरकार में एक बार फिर पोल खोल कर रख दी हैं। लोग शराब पीने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर से हुआ, मौत का तांडव जहरीली शराब के कारण लगातार बढ़ती मौतों का आंकड़ा हर किसी को हैरान कर रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर के मुताबिक हाल ही में सीवान और सारण जिलों में जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की जान चली गई है.इस गंभीर स्थिति ने न केवल परिवारों में मातम छाया है, बल्कि समाज में भी चिंता का विषय बन गया है।13 अक्टूबर को सीवान के भगवानपुर हाट में एक मेले के दौरान बिक रही पाउच वाली शराब पीने के बाद कई लोग बीमार पड़े. समय के साथ इनकी तबीयत बिगड़ने लगी, और अस्पताल में भर्ती होने का सिलसिला शुरू हुआ. 16 गांवों में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा 32 तक पहुंच चुका है, जिसमें एक महिला भी शामिल है. इस घटना में सबसे अधिक मौतें सीवान में हुई हैं।अभी भी 44 लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें से कुछ की आंखों की रोशनी चली गई है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुछ लोगों का अंतिम संस्कार परिजनों ने चुपचाप कर दिया था, जबकि पुलिस जांच में जुटी है.
स्थानीय पुलिस की कार्रवाई जहरीली शराब से मौतों के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 8 लोगों को हिरासत में लिया है।मशरख थानाध्यक्ष समेत 5 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उन पर सूचना संकलन में लापरवाही का आरोप है. इस घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।जहरीली शराब पीने से लोगों की आंखों की रोशनी जाना और सांस लेने में परेशानी होना आम हो गया है. छपरा के एक मरीज ने बताया कि उसने शराब पीने के बाद आंखों की रोशनी खो दी. ऐसे ही कई लोग हैं जो इस समस्या का सामना कर रहे हैं