बीडीओ ने फीता काटकर ओम ईभी वर्ल्ड ई-बाइक शोरूम का किया उद्घाटन ।
प्रभात इंडिया/न्यूज/डेस्क/बिहार। रमेश ठाकुर – नरकटियागंज रामनगर पश्चिमी चंपारण बिहार
गौनाहा प्रखंड मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास स्थित ओम ईभी वर्ल्ड ई- बाइक के शोरूम का उद्घाटन भव्य तरीके से बीडीओ शिव जन्म राम, भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया गौनाहा के ब्रांच मैनेजर मनोज काजी व बिंदा यादव द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर किया गया।
उद्घाटन के बाद शोरूम के प्रोपराइटर बब्लू कुमार द्वारा बताया गया कि इस शोरूम में इलेक्ट्रिक बाइक कम दामों में मिलेगी,जिससे ग्राहकों को भी खरीदारी करने में आसानी पड़ेगा।
इस बाइक की चार्जिंग मात्र 4 से 5 घंटे में हो जायेगी।आगे उन्होंने बताया कि चल रहे त्योहार के अवसर पर ई बाइक की खरीदारी पर कूपन भी दिया जा रहा है जिसमे पहला इनाम ईभीए बाइक है वही दूसरा इनाम एलजी का एलईडी टीवी है तो वही छठा सीरीज तक विभिन्न प्रकार के इनाम है।
वही शाहिद परवेज ने बताया कि मैं अपने तरफ से इस ई बाइक शो रूम के प्रोपराइटर बब्लू कुमार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने प्रदूषण से बचाव हेतु इलेक्ट्रिक बाइक शो रूम खोला है। गांव में इलेक्ट्रिक बाइक आ जाने से प्रदूषण कम हो जाएगी,जिससे ग्रामवासी स्वच्छ और सुंदर वातावरण में रहेंगे। मैं ग्रामवासियों से अपील करूंगा कि आप लोग भी इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करें ताकि प्रदूषण को बचाया जा सके।
ओम ई भी वर्ल्ड ई बाइक के शोरूम के प्रोपराइटर बब्लू कुमार ने बताया कि मेरे शोरूम का उद्घाटन बीडीओ शिव जन्म राम के द्वारा किया गया है। मैं उनको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं कि वह अपना कीमती समय निकालकर मेरे शोरूम में पहुंचे।
आगे उन्होंने बताया कि इस बाइक की खासियत है कि मात्र 4 से 5 घंटे में फुल बैटरी चार्ज हो जाएगी। ई – इलेक्ट्रिक बाइक की स्पीड 50 किमी प्रति घंटे है।इसे नई टेक्नोलॉजी से बनाया गया है,जो टक्कर और लचीलेपन को कम करती है।कंपनी के अनुसार यह भारतीय सड़कों के लिए बनाए गए सबसे दमदार इलेक्ट्रिक वाहन हैं।
वही इस मौके पर मुखिया प्रतिनिधि सह वरीय शिक्षक बृजेश प्रसाद यादव, वार्ड सदस्य नागेंद्र मौर्य, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, दीपक गुप्ता, अंजनी वर्णवाल, महेश्वरी वर्णवाल, नगीना यादव, उमेश यादव, संतजेवीयर स्कूल रमपुरवा से फादर देवाशीष, जमीर आलम, अमरनाथ पासवान आदि मौजूद रहे। वही मंत्रोचारण शिव मंदिर गौनाहा के पुजारी श्री मयंकेश्वर द्विवेदी ने किया।