प्रभात इंडिया न्यूज डेस्क बिहार।भैरोगंज (सुनिल कुमार पांडेय)

बबुआ हमार महाराज होईहे , राजा धीराज होईहे हो,

ललना ,मुकुट मणि पुखराज होईहे – जैसे बधाई गीतों से गत रोज नड्डा दुर्गा पूजा पांडाल और परिसर गूंजायमान था । मनमोहक गीतों से श्रद्धालु जन घंटो विभोर होकर झूमते और संगीत लहरियों का आनंद लेते रहे । गौरतलब हो कि थाना क्षेत्र के नड्डा स्थित राधेश्याम मंदिर के समीप शारदीय नवरात्र को लेकर हो रहे दुर्गा पूजा में वृंदावन से आई कथा वाचिका ज्योति किशोरी की राम जन्मोत्सव कथा की संगीतमय प्रस्तुति ने उपस्थित महिलाओं, पुरुषों व हर उम्र वर्ग के श्रद्धालुजनों का मन मोह लिया। उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए ज्योति किशोरी ने कहा कि राक्षसों के अत्याचार से पृथ्वी पर त्राहिमाम मचा हुआ था। यह देखते हुए सभी देवताओं द्वारा गुहार लगाने उपरांत राजा दशरथ के घर पुरुषोत्तम श्रीराम अवतरित हुए । यह वही घड़ी थी ,जब पुत्रविहीन राजा दशरथ को रत्न रूप में चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी । अतः उक्त अवसर उनके लिए अपार खुशियों वाला था। उन्होंने बताया कि पुरुषों को श्री राम के पदचिन्हों का अनुसरण करना चाहिए । श्रीराम के चरित्र और विचारों के अनुसरण से आदर्श समाज की स्थापना में तनिक भी संदेह नहीं होनी चाहिए । महिलाओं को माता सीता के आचरण -विचार का अनुसरण करना चाहिए। इस तरह एक आदर्श परिवार की स्थापना हो सकती है । परिवारों के योग से समाज तथा समाजों के योग से प्रदेश व देश बनते हैं । इसतरह हम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश को भी रामराज्य के रूप में तैयार कर सकते हैं ।

अगर पिता राजा दशरथ जैसा अपने पुत्रों से व्यवहार करें। पुत्र अपने पिता से श्री राम जैसा, सास कौशिल्या जैसी हो, पतोहु सीता जैसी हो और देवर लक्ष्मण जैसा हो तो अवश्य राम राज्य होगा। परंतु हम अपने को नही बदलते । केवल दूसरे से उम्मीद रखते हैं।कहते हैं ‘एक साधे सब सधे,सब साधे सब जाय’ अर्थात व्यक्ति दूसरों को छोड़ अपने को रूपांतरित करना शुरू कर दे यानी श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करना शुरू करे तो वह औरों के लिए एक नजीर बनना शुरू कर देगा । इस तरह उसके प्रभाव में आकर अन्य भी उसका अनुसरण करना निश्चित रूप से शुरु कर देंगे । चूंकि लोहा भी थोड़ी देर तक चुम्बक के संपर्क में आने के बाद उसका गुणधर्म कुछ देर के लिए हीं सही ,परन्तु ले लेता है । अतः हम तो मानव हैं । जब मनुष्य, राम अनुसरण का रस एक बार चख लेता है ,उसको भौतिक चीजें नहीं लुभाती ।

लेकिन विडंबना यह है चल रहे कलयुगी में मानव आकंठ भौतिकवादिता,विलासिता, स्वार्थ, ईर्ष्या, मोह के मायाजाल में फंसकर आगे की तरफ नहीं देख पा रहा । मानवजाति को राम के त्याग, तपश्चर्या तथा गुरुजन,विद्वतजन व श्रेष्ठजनों की सेवा ,उनके आज्ञापालन व अनुजों के प्रति स्नेह के बनाये गए कीर्तिमान आज भी स्थापित हैं । जिनका अनुसरण करना चाहिये । ये आदर्श रामराज्य की कल्पना को साकार रूप देने वाले हैं । इस कथा के दरम्यान मानव सेवा संगठन के संस्थापक सह रामनगर नगर पंचायत के उपसभापति सुजल सिंह,मानव सेवा संगठन बगहा प्रखंड एक के अध्यक्ष मनिंद्र सिंह,मानव सेवा संगठन के मार्गदर्शक सह हरिनगर रेलवे स्टेशन मास्टर शिशिर रॉय,मानव सेवा संगठन के संरक्षक कन्हैया झुनझुनवाला, रोटी बैंक के अध्यक्ष जिंतेंद्र गुप्ता समेत पूजा समिति के तमाम सदस्य व अन्य तमाम गणमान्य उपस्थित रहे ।

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