प्रभात इंडिया न्यूज बेतिया (सोनू भारद्वाज)। संयुक्त किसान मोर्चा पश्चिम चम्पारण द्वारा जिला पदाधिकारी के समक्ष बेतिया में देश व्यापी 9 अगस्त कॉर्पोरेट भारत छोड़ो दिवस पर जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया गया। इस अवसर संयुक्त किसान मोर्चा के पश्चिम चम्पारण जिला संयोजक प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ ऐतिहासिक स्वतंत्रता संग्राम में 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो के आह्वान का अपना विशिष्ट महत्व रहा है ।उस ऐतिहासिक महत्व को चिन्हित करने के लिए पूरे देश में कॉर्पोरेट भारत छोड़ो दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है
नरेंद्र मोदी की सरकार जल ,जंगल ,जमीन पर कॉरपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण के लिए अपने एकाधिकारवादी पूंजीपतियों के साथ मिल कर साजिश रच रही है ।जिससे किसानों और खेत मजदूरों का बड़ा तबका जो भारत की आबादी का बहुसंख्यक हिस्सा है ,तबाह हो रहा है ।उन्हें अपनी आजीविका से विस्थापित किया जा रहा है और प्रवासी श्रमिक बनने और गुलाम जैसी परिस्थितियों में रहने और काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 10 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद में न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी, ऋण मुक्ति, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों के पेंशन ,बिजली के निजीकरण को वापस लेने , चार श्रम संहिता को वापस लेने सहित किसान,ट्रेड यूनियन मजदूर तथा खेत मजदूर की अन्य लंबित मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आज बेतिया में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रदर्शन किया गया।
पश्चिम चंपारण जिला संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 सूत्री मांग पत्र जिला पदाधिकारी को दिया –
ज्ञस्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी 2 + 50% की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिया जाए।
किसानों और खेत मजदूरों की आत्म हत्याओं को रोकने के लिए ऋण माफी योजना लागू किया जाए।
बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर रोक लगाई जाए ।साथ ही 24 घंटे मुफ्त बिजली की आपूर्ति किया जाए।
किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वापस लिया जाए ।
सभी किसानों और खेत मजदूरों को प्रति माह 10 हजार रुपए पेंशन दिया जाए।
भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्स्थापना अधिनियम 2013 को लागू किया जाए।
कृषि का निगमीकरण बंद किया जाए। कृषि उत्पादन और व्यापार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर रोक लगाई जाए ।भारत को कृषि पर विश्व व्यापार संगठन के समझौते से वापस लिया जाए। किसानों को अनुदानित दर पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक, उन्नत बीज ,कीटनाशक एवं अन्य कृषि सामग्री को उपलब्ध कराया जाए ।भूमि, जल, जंगल और खनिज सहित प्राकृतिक संसाधनों के वाणिज्यीकरण को समाप्त किया जाय।आजीविका संवर्धन और प्राकृतिक संरक्षण के लिए जल संसाधनों के संरक्षण और उपयोग के लिए राष्ट्रीय जल संसाधन नीति को अपनाया जाए।
बिहार में ए पी एम सी अधिनियम को पुन : बहाल किया जाए और कृषि मंडी को चालू किया जाए ।
डी बंद्दोपाध्याय भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ।हदबंदी से फाजिल, भूदान से प्राप्त और कृषि योग्य सरकारी गैर मजरूआ जमीन को खेतिहर मजदूर और भूमिहीन गरीब किसानों में वितरित किया जाए।
जल प्रबंधन के जरिए बिहार में बाढ़ ,जल जमाव एवं सुखाड़ की समस्याओं का स्थाई समाधान किया जाए। बिहार में बंद पड़े सभी 20 चीनी मिलों को चालू किया जाए तथा अनाज से बनने वाले इथनॉल प्लांट पर रोक लगाई जाए।
जिले के पांच राजस्व अदालतों ( समाहर्ता, अपर समाहर्ता और तीन एसडीओ ) में लंबित लगभग 85 भू-हदबंदी वादों की नियमित सुनवाई व न्याय सुनिश्चित की जाए।
विगत वर्षों में जिन भू धारियों की अधिशेष एवं अधिसूचित भूमि के वितरण का आदेश समाहर्ता/ अपर समाहर्ता ने दिया है। उसके अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर उस आदेश पर अमल करते हुए भूमि वितरण का काम पूरा किया जाए।
अदालतों में लंबित सभी भू -हदबंदी वादों में शामिल भूमि की अवैध बिक्री, हस्तांतरण/ बदलैया और घरों का निर्माण कर भूमि का स्वरूप बदलने पर कड़ाई से रोक लगाई जाए ।
भू -हदबंदी वादों में संलिप्त भूमि वाले टोले/ गांव में सार्वजनिक सूचना पट के द्वारा लोगों को उक्त भूमि की खरीद-बिक्री और उस पर किसी प्रकार का निर्माण या उसके स्वरूप में बदलाव करना गैर कानूनी है कि सूचना सार्वजनिक तौर पर जारी की जाए।
भूमि सुधार उप समाहर्ता कोर्ट द्वारा बिहार भूमि विवाद निराकरण 88⅞अधिनियम 2009 के अन्तर्गत हुए फैसलों को लागू कराते हुए पर्चाधारियों को पोजेशन दिलाया जाए । बेतिया समाहरणालय पर आयोजित सभा को बिहार राज्य किसान सभा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य चांदसी
प्रसाद यादव,जिला सचिव हरेंद्र प्रसाद, अध्यक्ष रामा यादव, जिला किसान सभा के सचिव राधामोहन यादव, बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला सचिव प्रभुनाथ गुप्ता,खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव सुबोध मुखिया, ईख उत्पादन संघ के जिला सचिव मो. वहीद, सीटू जिला सचिव शंकर कुमार राव,शंकर दयाल शर्मा, मो. हनीफ, नीरज बरनवाल, संजीव कुमार राव, ज्वाला कांत दुबे,संजय सिंह,कृष्ण नंदन सिंह आदि ने संबोधित किया।सभा की अध्यक्षता अशोक मिश्र ने की।
प्रतिनिधिमंडल में बिहार राज्य किसान सभा के जिला सचिव हरेंद्र प्रसाद,किसान सभा के जिला मंत्री राधामोहन यादव, लोक संघर्ष समिति के लालबाबु राम,किसान मजदूर सभा के मानती राम शामिल थे।