बगहा अनुमंडल अस्पताल के दर्जनों चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को काटा वेतन।
प्रभात इंडिया न्यूज/संवाद संचार संवाददाता राणा प्रताप गुप्ता।बेतिया।जिला मुख्यालय से चलकर अपराहन 12:07 बजे अनुमण्डलीय अस्पताल, बगहा का औचक निरीक्षण उक्त बातें डॉक्टर विजय कुमार सिविल सर्जन ने जानकारी देते हुए बताया कि निरीक्षण के दौरान डॉ० अशोक कुमार तिवारी, प्रभारी उपाधीक्षक, डॉ० सुरेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, चि० पदा० एवं डॉ० के०बी०एन० सिंह, चि० पदा० उपस्थिति पाये गये तथा निम्नलिखित चिकित्सा पदाधिकारी/कर्मचारी अनाधिकृत रूप से उनके नाम के सामने अंकित तिथि को अनुपस्थित पाये गये :-डॉ० संजय कुमार गुप्ता (चि० पदा०)डॉ० विनय कुमार (चि० पदा०)डॉ० विजय कुमार (चि० पदा०)04.08.24 से 08.08.24 डॉ० शिवांगी कुमारी गुप्ता (म० चि० पदा०)02.08.24 से 08.08.24
डॉ० तारिक नदीम (चि० पदा०)03.08.24 से 08.08.24
,डॉ० पुष्प राज (चि० पदा०)04.08.24 से 08.08.24
,डॉ० पूजा कुमारी (म० चि० पदा०),01.08.24 से 08.08.24
डॉ० अरूण कुमार यादव (चि० पदा०),06.08.24 से 08.08.24
डॉ. विद्यानंद पाल (चि. पदा)06.08.24 से 08.08.24
,डॉ० सुनिष्ठा सुमन (म० चि० पदा०),01.08.24 से 08.08.24
,डॉ० आकृति (म० चि० पदा०)07.08.24 से 08.08.24
डॉ० घनश्याम कुमार (चि० पदा०03.08.24 से 08.08.24
अमरेश कुमार, प्रति० प्र० स्वा० प्रबंधक 04.08.24 से 08.08.24,अरबिन्द कुमार, प्रति० प्र० लेखापाल,01.08.24 से 08.08.24, चन्द्रभान बैठा, डाटा इन्ट्री ऑपरेटर,07.08.24
डौली कुमारी, डाटा इन्ट्री ऑपरेटर
01.08.24 से 08.08.24
01.08.24 से 08.08.24
राहुल मेहरा, सुरक्षा प्रहरी ,उक्त अनुपस्थित सभी पदाधिकारियों / कर्मचारियों के उनके नाम के सामने अंकित तिथि के वेतन/मानदेय निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगायी जाती है। आगे डॉक्टर कुमार ने बताया कि साथ ही उपरोक्त सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मी अपना स्पष्टीकरण प्रभारी उपाधीक्षक के माध्यम से अद्योहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
उपस्थिति पंजी के अवलोकन से यह भी स्पष्ट हुआ कि श्री अवधेश कुमार, प्रयोगशाला प्रावैधिक द्वारा अग्रिम दिनांक 09.08.24 का भी उपस्थिति दर्ज कर दी गयी है, जो एक दण्डनीय अपराध है। श्री अवधेश कुमार प्रयोगशाला प्रावैधिक के माह अगस्त 2024 के वेतन / मानदेय निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगायी जाती है। डौली कुमारी, डाटा इन्ट्री ऑपरेटर द्वारा माह अगतस्त 2024 में मात्र दो दिन 03.08.24 एवं 07.08.24 को उपस्थिति दर्ज की गयी है और वो भी एक अंग्रेजी तथा एक हिन्दी में, जिससे विरोधाभाष पैदा होता है कि क्या डॉली कुमारी द्वारा ही उपस्थिति दर्ज की जाती है अथवा किसी अन्य कर्मी के द्वारा। इस हेतु डॉली कुमारी अपना स्पष्टीकरण अलग से अद्योहस्ताक्षरी को समर्पित करेंगी। अतः उपरोक्त से स्पष्ट है कि प्रभारी उपाधीक्षक द्वारा उपस्थिति पंजी की नियमित जाँच नहीं की
जाती है, जिसके कारण पदाधिकारी/कर्मी मनमाने ढंग से उपस्थिति दर्ज करते हैं। प्रभारी उपाधीक्षक अपना
स्पष्टीकरण समर्पित करें कि किस परिस्थिति में उपरोक्त चिकित्सक अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रहते हैं और आपके
द्वारा इसकी सूचना अद्योहस्ताक्षरी को क्यों नही उपलब्ध करायी गयी, जबकि विदित हो कि वर्तमान में बाढ़-महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 सितम्बर 2024 तक सभी प्रकार के अवकाश को रद्द कर दिया गया है। इसके बावजूद चिकित्सको का अनुपस्थित रहना उनके स्वेच्छाचारिता, कर्तव्यहिनता तथा विभागीय आदेश की अवहेलना का द्योतक है।
ओ०पी०डी० रजिस्ट्रेशन काउण्टर चालू था, जिसमें मरिजों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था। चिकित्सकों द्वारा अस्पताल में आये मरिजों का उपचार किया जा रहा था।
दवा वितरण कक्ष दवा वितरण काउण्टर चालू था, परन्तु कुछेक दवा अस्त-व्यस्त हालत में रखी हुई थी, जिसे व्यवस्थित रखने हेतु निदेश दिया गया।
दवा भण्डार कक्ष दवा भण्डार कक्ष में दवा कार्टून काफी अस्त-व्यस्त हालत में रखे हुए पाये गये। भण्डारपाल को निर्देशित किया गया कि सभी दवा को उनका लेबलिंग (दवा का नाम, एस्पायरी, बैच नम्बर) कर व्यवस्थित ढंग से रखना सुनिश्चित करेंगे।
प्रसव कक्ष निरीक्षण के दौरान पाया गया कि प्रसव कक्ष में एक मरीज उपस्थित थीं, जिनका किरण कुमारी, जी०एन०एम० के द्वारा प्रसव कराया जा रहा था।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित श्रीमति किरण कुमारी, जी०एन०एम० से वार्तालाप से स्पष्ट हुआ कि प्रसव हेतु आये मरिजों का पैथोलॉजीकल जाँच तो होता है, परन्तु उनका एफ०एच०एस० जाँच नहीं किया जाता है. जिसकी जॉच करने हेतु अद्योहस्ताक्षरी द्वारा निदेशित किया गया। प्रसव ड्यूटी कक्ष
ओ०टी० अस्पताल भवन दो ओ०टी० कक्ष संचालित हैं (एक मेजर ओ०टी० तथा दूसरा माइनर ओ०टी०). ओ०टी० कक्ष व्यवस्थित तो था, परन्तु ओ० टी० लाईट अधिष्ठापित नहीं था, जिसे तत्काल अधिष्ठापित करने हेतु निदेशित किया गया।
दवा वितरण काउण्टर चालू था, परन्तु कुछेक दवा अस्त-व्यस्त हालत में रखी हुई थी, जिसे व्यवस्थित रखने हेतु निदेश दिया गया। दवा भण्डार कक्ष दवा भण्डार कक्ष में दवा कार्टून काफी अस्त-व्यस्त हालत में रखे हुए पाये गये। भण्डारपाल को निर्देशित किया गया कि सभी दवा को उनका लेबलिंग (दया का नाम, एस्पायरी, बैच नम्बर) कर
दवा वितरण कक्ष व्यवस्थित ढंग से रखना सुनिश्चित करेंगे।
प्रसव कक्ष निरीक्षण के दौरान पाया गया कि प्रसव कक्ष में एक मरीज उपस्थित थीं, जिनका किरण कुमारी, जी०एन०एम० के द्वारा प्रसव कराया जा रहा था। प्रसव ड्यूटी कक्ष निरीक्षण के दौरान उपस्थित श्रीमति किरण कुमारी, जी०एन०एम० से वार्तालाप से स्पष्ट हुआ कि प्रसव हेतु आये मरिजों का पैथोलॉजीकल जाँच तो होता है, परन्तु उनका एफ०एच०एस० जाँच नहीं किया जाता है. जिसकी जाँच करने हेतु अद्योहस्ताक्षरी द्वारा निदेशित किया गया। ओ०टी०- अस्पताल भवन दो ओ०टी० कक्ष संचालित हैं (एक मेजर ओ०टी० तथा दूसरा माइनर ओ०टी०), ओ०टी० कक्ष व्यवस्थित तो था, परन्तु ओ० टी० लाईट अधिष्ठापित नहीं था, जिसे तत्काल अधिष्ठापित करने हेतु निदेशित किया गया।
पैथोलॉजीकल लैबोरेटरी पैथोलॉजीकल लैबोरेटरी में टेक्निसियनों द्वारा मरिजों की जाँच की जा रही थी। पैथोलॉजीकल लैबोरेटरी की जाँच की एक्यूरेसी जॉचने हेतु अद्योहस्ताक्षरी द्वारा स्वयं की कुछेक जाँच करायी गयी. जिसे सही पाया गया।
साफ-सफाई प्रदर्शन पट्ट अस्पताल भवन एवं परिसर की साफ-सफाई संतोषजनक पायी गयी। अस्पताल भवन कहीं भी दवा के नाम/उपलब्धता तथा चिकित्सक रोस्टर ड्यूटी चार्ट प्रदर्शित नहीं पायी गयी, जबकि पूर्व में इस हेतु अद्योहस्ताक्षरी स्तर से कई निर्देश निर्गत किये गये हैं।
अतः अनुमण्डलीय अस्पताल, बगहा के निरीक्षण से स्पष्ट है कि अस्पताल में लगभग सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। सरकार द्वारा निर्धारित लगभग सभी पद पर चिकित्सक एवं कर्मी पदस्थापित भी हैं तथा अस्पताल में पर्याप्त संख्या में भवन/वार्ड एवं परिसर उपलब्ध हैं, फिर भी ऐसा पाया गया कि अस्पताल में मरिजों की संख्या कुछ कम रहती है, जिसे बढ़ाने हेतु प्रभारी उपाधीक्षक एवं अन्य चिकित्सक को निदेशित करने के साथ-साथ डॉ० के०बी०एन० सिंह, पूर्व प्रभारी उपाधीक्षक एवं डॉ० अशोक कुमार तिवारी, वर्तमान प्रभारी उपार्धीक्षक को भी निर्देश दिया गया कि सभी सदभाव से मिल-जुल कर रहें और अस्पताल की विधि-व्यवस्था को नियंत्रित रखें।प्रभारी उपाधीक्षक, अनुमण्डलीय अस्पताल, बगहा को सूचनार्थ प्रेषित करते हुए निदेश दिया जाता है कि स्पष्टीकरण/अनुपालन प्रतिवेदन संचिकाबद्ध करते हुए तीन दिनो के अन्दर अधोहस्ताक्षरी को समर्पित करे।