प्रभात इंडिया न्यूज मधुबनी, अजय सिंह चंदेल।दस कुओं के बराबर एक बावड़ी होती है,दस बावड़ियों के बराबर एक तालाब होता है। दस तालाबों के बराबर एक पुत्र,और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है।
मत्स्यपुराण के इस श्लोक से वृक्ष व उसके संरक्षण का महत्व स्पष्ट होता है।आज जब दुनिया उपभोक्तावाद की अंधी दौर में पर्यावरण को पीछे छोड़ चुकी है और प्रकृति कदम-कदम पर अपना रौद्र रूप दिखा रही है वैसी स्थिति में वृक्ष के संरक्षण का महत्व जन-जन तक पहुँचाया जाना चाहिए। इसी क्रम में शुक्रवार को भितहाँ सीडीपीओ प्रशांत झा, समाज सेवी छोटे तिवारी, व आईसीडीएस के कर्मियों ने प्रखंड प्रांगण में वृक्षारोपण किया व आशा जताया कि ये वृक्ष पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अग्रदूत का कार्य करेगा।