जज्चा बच्चा दोनों ही भेंट चढ़ गए मेडिकल सिस्टम के फर्जीवाड़ा के
बीयूएमएस चिकित्सक के बोर्ड की आड़ में कथित दाई/नर्स शल्मा करती है स्त्री प्रसूति का कार्य
प्रभात इंडिया न्यूज बेतिया (सोनू भारद्वाज) नगर के नाजनी चौक स्तिथ एक कथित फर्जी गैर मान्यता प्राप्त निजी नर्सिंग होम में रविवार के सुबह एक महिला के प्रसव के दरम्यान जज्चा बच्चा दोनों की मौत फर्जी झोलाछाप चिकित्सकों के कारण हो गई। जिसके बाद उक्त नर्सिग होम में परिजनों ने घंटों शव के साथ हंगामा किया। जिसकी सूचना पर नगर थाना की पुलिस ने आकर हंगामा मशक्कत के बाद शांत तो कराया मगर वो भी कई घंटों तक राहगीरों और आने जाने वालों की तरह मुखदर्शक बनकर देखती रही। कथित फर्जी नर्सिग होम में शव रखकर लम्बे समय अंतराल तक सुलह सपाटा का खेल खेलने की कोशिश जारी रही। भले ही शव के पास महिला परिजनों की चित्कार कलेजा चीर रही थी पर फर्जीवाड़ा के संरक्षक शव की बोली लगाते रहें।
स्थानीय परिजनों की जानकारी के अनुसार नगर थाना के बसवरिया धुनिया पट्टी के अब्दुल हक की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुआ। जिसके बाद कथित मेडिकल दलालों ने उन्हें झांसा में लेकर नाजनी चौक स्थित एक निजी नर्सिंग होम में अच्छी तरह प्रसव कराने का विश्वास देकर भर्ती करा दिया। उक्त नर्सिग होम में बीयूएमएस के एक पुरूष और एक स्त्री डाॅक्टर का बोर्ड लगा हुआ था, परन्तु इलाज नगर की कथित व चर्चित दाई/नर्स शल्मा ने की। जिसने महिला का प्रसव कराने का विश्वास दिलाकर लापरवाही पूर्ण तरीकों से महिला और बच्चा दोनों की ही जान ले ली। जैसे ही उसे महिला व बच्चा की मौत का शंका हुआ, वो और नर्सिग होम का संचालक दवा दुकान बंद कर फरार हो गए। कुछ समय के बाद परिजनों को पता चला कि जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई है।
सूत्रों के अनुसार कथित रूप से गैर मान्यता प्राप्त नर्सिग होम का संचालन उसी में स्तिथ प्राइम मेडिसिन के संचालक द्वारा संचालित किया जाता है। जिसके दुकान का ड्रग लाइसेंस की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, फिर भी निर्भिक होकर धन बल के प्रभाव से बिना लाइसेंस के ही मेडिकल स्टोर चलाता आ रहा है। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि मेडिकल स्टोर के संचालक का पूर्व में इसी मकान में ऐहशानिया नामक होटल चलता था, जिसका व्यवसाय मंदा हो जाने के कारण उसे सबसे ज्यादा फर्जी तरीके से आय देने वाला गैर मान्यता प्राप्त फर्जी नर्सिग होम बनाकर दवा दुकान (लाइसेंस एक्सपायर) खोल कर बैठ गया। जहाँ नगर के सैकड़ों मेडिकल दलालों, झोलाछाप डाॅक्टर, नर्स, दाई, आशा और तमाम मेडिकल से नाजायज कमाने की इरादा रखने वालों से मिलीभगत रखकर इस नर्सिग होम का संचालन किया जाता रहा है।
कथित फर्जी नर्सिग होम के मुख्य दरवाजे के ऊपर निरोग यूनानी क्लिनिक एंड हिजामा सेंटर का बोर्ड जिसमें बीयूएमएस की डिग्री वाले डाॅ हकीम ए वसाय एवं डाॅ एस प्रवीण का नाम लिखा पाया गया। ऐसे में युनानी क्लिनिक के इन डाक्टरों का बोर्ड उनकी चर्चित संरक्षण रूपी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं इस बात की चर्चा भी है कि दोनों डाॅक्टर युनानी चिकित्सा और अंग्रेजी में लिखें डिग्री बीयूएमएस के सहारे गरीब, अनपढ़, नासमझ मरीजों को भ्रमित कर अपने झांसा में लेकर हजारों हजार रूपया में प्रसव नाॅर्मल व सिजेरियन करते हैं। मरीज की किस्मत अच्छी रही तो मरीज सकुशल घर चली गई वर्ना थोड़ी भी कमी रही तो मरीज घर के बजाए ऊपर चली जाती है। हालांकि इसका स्पष्ट प्रमाण नहीं है परन्तु इंसानी रूपी इन कथित भगवानों की चर्चाओं का बाजार हमेशा गर्म रहता है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कथित चर्चित दाई/नर्स शल्मा पूर्व में शहर के एक प्रसिद्ध कुशल महिला चिकित्सक के यहाँ साफ सफाई का काम करती व देखती थी, जहाँ से वह धीरे धीरे प्रसव होते और कराते देखकर बिना डिग्री के ही विशेषज्ञ झोलाछाप दाई/नर्स बन गई और काम छोड़कर ऐसे ही गैर मान्यता प्राप्त फर्जी नर्सिग होम में घुम घुम कर नाॅर्मल, सिजेरियन तरीकों से प्रसव का ठेका लेने लगी।
हालांकि उक्त नर्सिग होम जिला का इकलौता नर्सिग होम नहीं है, बल्कि ऐसे सैकड़ों फर्जी व गैर मान्यता प्राप्त नर्सिग होम संचालित हैं, जिनपर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन मौन बना कर रखते हैं। हालांकि समय समय पर कुछ एक अधिकारी आए हैं, जिन्होंने इन फर्जीवाड़ा पर कार्यवाही की, पर वो आंकड़ा सीमित रहा और कार्यवाही असरहीन रही, जिससे निर्भिक रुप से यह फर्जी और झोलाछाप का खेल दिन दूना रात चौगुना बढ़ता जा रहा है। जिसका खामियाजा जिला के गरीब, अशिक्षित, नासमझ और परेशान मरीजों व परिजनों को उठाना पड़ता है।
करोड़ों की लागत से भले ही गवरमेंट मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है, पर हकीकत है कि जिला के तमाम मरीज व परीजन स्वास्थ्य के चिकित्सा परामर्श बिचौलियों, दलालों, झोलाछाप चिकित्सक, नर्स, दाई के ही भरोसे हैं और यह भी हकीकत है कि उनके लिए मरीज सिर्फ एक धन रूपी अंडा देने वाली मुर्गी है और फर्जी चिकित्सा अवैध कमाई का एक धंधा है।