प्रभात इंडिया न्यूज़ बथुवरिया उमाशंकर प्रसाद बथुवरिया/बगहा सोमवार को थाना परिसर में थानाध्यक्ष कामेश कुमार, पीएसआई बलराम कुमार, SI रमानंद ठाकुर व महिला कांस्टेबल नेहा कुमारी की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियो के साथ बैठक हुई। बैठक में नए आपराधिक कानून को लेकर विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। थानाध्यक्ष कामेश कुमार ने बताया कि मुख्य रूप से तीन नए अपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू हुआ है। इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम होगा। पहले जहां कुल 23 अध्याय में 511 धाराएं थी वहीं अब नए आपराधिक कानून में 30 अध्याय में 358 धाराएं होंगी। नए आपराधिक कानून में मुख्य रूप से कांडो के जांच पड़ताल में वैज्ञानिक अनुसंधान पर ज्यादा जोर दिया गया है।
आइए जाने 1 जुलाई से नए कानून के कुछ महत्वपूर्ण बदलाव को:-
• सात साल से ज्यादा सजा वाले सभी अपराधों के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री का विजिट घटना स्थल पर अनिवार्य होगा, दोष सिद्धि अनुपात यानी कविक्शन रेश्यो बढ़ेगा।
• 18 वर्ष से कम उम्र की युवती के साथ बलात्कार के अपराध में आजीवन कारावास और मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है।
• गैंगरेप के मामलों में 20 साल या जिंदा रहने तक सजा का प्रावधान किया गया है।
• हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा का प्रावधान है।
• पुलिस को शिकायत के 3 दिनों में ही एफआईआर दर्ज करनी होगी।
• 3 से 7 साल की सजा वाले मामले में प्रारंभिक जांच कर एफआईआर दर्ज करनी होगी।
• जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में और तलाशी की रिपोर्ट अधिकतम 24 घंटे में कोर्ट के सामने रखना होगा।
• बिना किसी देर के बलात्कार पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट को 7 दिनों के अंदर पुलिस थाने और न्यायालय में सीधे भेजने का प्रावधान किया है।
• सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र को नए कानून में 15 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी गई है।
• यौन उत्पीड़न में पीड़िता का ऑडियो-वीडियो बयान अनिवार्य कर दिया गया है।
• चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा तय कर इसे 90 दिन रखा गया है। इसके बाद और 90 दिन ही आगे जांच हो सकेगी। यानी 180 दिन में जांच समाप्त करनी होगी। 14 दिन में मजिस्ट्रेट को इसका संज्ञान लेना होगा
• आरोपी द्वारा आरोपमुक्त होने का निवेदन भी 60 दिनों में ही करना होगा।
👉अब तारीख पर तारीख नहीं 3 साल में मिलेगा न्याय
नए आपराधिक न्याय कानूनों से देश में लीक-प्रूफ न्यायिक व्यवस्था स्थापित होगी। अब आपराधिक मामलों का निपटारा तीन साल के अंदर होगा। गरीब आदमी के लिए अब न्याय महंगा नहीं होगा। तकनीक का उपयोग कर पुलिस, वकील और कोर्ट को समयबद्ध बनाकर जल्दी न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा जताया है कि इन कानूनों के पूर्णतः लागू होने के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से लेकर कामाख्या तक पूरे देश में तारीख पर तारीख नहीं होगी बल्कि किसी भी आपराधिक मामले के निपटारे में तीन साल से ज्यादा का समय नहीं लगेगा
फोटोग्राफी करवाकर अदालत की सहमति से 30 दिनों के अंदर बेच दिया जाएगा। पैसे कोर्ट में जमा होंगे।
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थानाध्यक्ष ने सोमवार को अपने बैठक में जनप्रतिनिधियो को बुलाकर अपील किया है ताकि नए कानून की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके। नए कानून से जहां अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। वहीं पुलिस की कार्यशैली में व्यापक सुधार होगा। वही बैठक में बी बी बनकटवा मुखिया गोरख प्रसाद, समाजिक कार्यकर्त्ता विनोद प्रसाद,चंदन गुप्ता,बीडीसी अशोक प्रसाद,डॉ अमित कुमार मिश्र आदि लोग उपस्थित रहें।