मेडिकल कॉलेज सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में तम्बाकू निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
प्रभात इंडिया न्यूज बेतिया (सोनू भारद्वाज)
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस जिले के मेडिकल कॉलेज सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मनाते हुए लोगों को तम्बाकू के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करते हुए मनाया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया की तम्बाकू के अत्यधिक उपयोग से कैंसर या फेफड़े की बीमारी हो सकती है। ऐसे में लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने के लिए इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 31 मई को दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। वहीं जिले गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मूर्तजा अंसारी ने कहा की धूम्रपान और धूम्रपान रहित तम्बाकू दोनों ही स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और समय से पहले मृत्यु का कारण बनते हैं। भारत दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उत्पादक देश और दूसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उपभोक्ता देश है। भारत में तम्बाकू के कारण मृत्यु दर 1.3 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है। इनमें से, दस लाख लोग तम्बाकू धूम्रपान के कारण और शेष लोग धूम्रपान रहित तम्बाकू के उपयोग के कारण होते हैं। इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई सी एम आर) द्वारा 2004 तक प्रकाशित साहित्य के विश्लेषण के आधार पर “गैर-संचारी रोगों के कारण रोगों के बोझ का आकलन” शीर्षक से किए गए अध्ययन के अनुसार, तम्बाकू के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियों का जोखिम क्रमशः स्ट्रोक (78%), तपेदिक (65.6%), इस्केमिक हृदय रोग (85.2%), तीव्र रोधगलन (52%), एसोफैजियल कैंसर (43%), मौखिक कैंसर (38%) और फेफड़ों के कैंसर (16%) के लिए था। एनसीडीओ डॉ अंसारी ने बताया कि ‘भारत में तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के आर्थिक बोझ’ पर रिपोर्ट (2014) के अनुसार, भारत में सभी गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से संबंधित मौतों में से 80% से अधिक चार प्रमुख बीमारियों के कारण होती हैं, जैसे हृदय रोग; कैंसर; पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियाँ और मधुमेह। भारत में तम्बाकू के कारण मृत्यु दर 13.5 लाख से अधिक होने का अनुमान है (वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण पर रिपोर्ट, 2016-17)। भारत सरकार ने लोगों को तम्बाकू छोड़ने हेतु आवश्यक जानकारी देने के लिए के लिए 1800 112 356 (टोल फ्री) पर कॉल करें या 011-22901701 पर मिस्ड कॉल करने पर इस सम्बन्ध में जानकारी दे रही है।
सिगरेट की लौ को ओठों से खींच कर नाजुक फेफड़ों को घायल क्यों करते हो: एनसीडीओ डॉक्टर मुर्तजा अंसारी ने मौके पर अपनी द्वारा लिखित कविता का उल्लेख करते हुए कहा की “सिगरेट की लो को ओंठों से खींच कर नाजुक फेफड़ों को घायल करते हो,, मरने से पहले ही मुंह में आग लेने का क्यों ट्रायल करते हो”।
इस अवसर पर एनसीडी के सभी कर्मी कन्हैया, अभिषेक कुमार साइकोलॉजिस्ट (एनटीसीपी) , वरुण कुमार क्लिनिकसाइकोलॉजिस्ट(एनएमएचपी) रूमान जावेद फिजियोथेरपिस्ट(एनपीसीडीसीएस) निर्दोष कुमार काउंसलर, सरिता यादव, खुशबू ओझा, अंजू मौर्य स्टाफ नर्स आदि उपस्थित थे।