मोदी ने आज (13 मई )को दिल्ली के एम्स में ली आखरी सांस, गले के कैंसर से थे पीड़ित।
प्रभात इंडिया न्यूज नेटवर्क state co-editor पिंटू कुमार रौनियार
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया।पिछले कुछ दिनों से गले के कैंसर से पीड़ित थे, उनका दिल्ली के एम्स में चल रहा था इलाज, दिल्ली एम्स में उन्होंन (13 मई )आख़री सांस ली।
सुशील कुमार मोदी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एम्स में इलाजरत थे। उन्होंने अभी कुछ दिन पहले एक्स पर कैंसर की जानकारी दी थी।मोदी ने ये भी लिखा था की इसकी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को दे दी गयी है।साथ ही लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में भाग नहीं लेंगे।72 वर्षीय सुशील कुमार मोदी की जन्म 5 जनवरी 1952 को हुआ था।
बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सुशील मोदी की निधन की दी जानकारी जताया शोक।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने एक्स पर लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे. पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है. अपने संगठन कौशल, प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करें।
सुशील कुमार मोदी का राजनीतिक इतिहास:-
बता दें कि अपने तीन दशक से अधिक के राजनीतिक करियर के दौरान सुशील मोदी विधायक, विधान परिषद के सदस्य, लोकसभा सदस्य और राज्यसभा के सदस्य भी रहे. वह 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक राज्य के उप मुख्यमंत्री रहे. सुशील मोदी का राजनीतिक करियर पटना विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ. वह 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने. सुशील मोदी 1990 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और उन्होंने ‘पटना सेंट्रल’ विधानसभा (अब कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र) से चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की. वह 2004 में भागलपुर से लोकसभा के सदस्य बने।
लालू विरोध ने सुशील मोदी को बनाया कद्दावर नेता
कहा जाता है कि लालू विरोध ने सुशील मोदी को बिहार की सियासत में कद्दावर नेता बनाया. वो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा के सदन तक मोर्चेबंदी करते गुरेज नहीं करते थे. 1996 उन्होंने पटना हाईकोर्ट में लालू के खिलाफ जनहित याचिका दायर की. इसके बाद लालू का चारा घोटाले सामने आया।
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