लेबर यूनियन व किसान संगठनों ने बेतिया में हड़ताल की तैयारी को लेकर सम्मेलन किया
देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतरेंगे मजदूर-किसान
प्रभात इण्डिया न्यूज़/पश्चिम चम्पारण
11 फरवरी 2024 बेतिया। 16 फरवरी 2024 की देशव्यापी औद्योगिक व सेक्टोरल हड़ताल व ग्रामीण भारत बंद की मजदूर-किसान संगठनों व ट्रेंड यूनियन के प्रतिनिधियों ने बेतिया के जिला परिषद सभागार में कन्वेंशन कर राष्ट्रीय और स्थानीय समस्याओं पर चर्चा किया और 16 फरवरी को सड़कों पर उतर ऐतिहासिक बनाने का फैसला लिया।
बैठक में भाकपा-माले ,अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा(खेग्रामस), इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस), ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एक्टू),अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (एपवा),ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट), आशा कार्यकर्ता संघ, रसोइया संघ, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन, बिहार राज्य गन्ना उत्पादक किसान महासभा, बिहार राज्य मनरेगा मजदूर यूनियन, बिहार राज्य आदिवासी संघर्ष मोर्चा इंसाफ मंच के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा-माले नेता और अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा केंद्र सरकार सभी श्रम कानून और कृषि कानूनों को बदलाव कर किसानों और मजदूरों को कॉरपोरेट्स कंपनियों का गुलाम बनाने की तैयारी में है जिसके कारण कारपोरेट मुनाफा बढ़ाने के लिए बेरोजगारी बढ़ाने वाली, गरीबों की आजीविका छीनने वाली और बेहद कम मजदूरी देकर काम कराने वाली, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने से भागने वाली,नीतियों से आम मेहनतकश नागरिक तबाह है। मोदी सरकार की झूठे वादे और झूठी गारंटी ने लोगों के बर्बादी के कगार लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे में भाकपा-माले ने भी मजदूरों और किसानों के हड़ताल में भाकपा-माले सक्रिय रूप से भाग लेगी ।अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के नेता संजय राम ने कहा कि सबके लिए रोजगार का सृजन और महंगाई की मार से बचाने के ठोस उपाय करने के बजाय मोदी सरकार आम आवाम को राम मंदिर के जश्न से भरमाने में लगी हुई है। मोदी सरकार को बताना चाहिए कि 2022 तक सभी बेघरों को घर देने और किसानों की आय दोगुनी करने के उनके वादे का क्या हुआ?
इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने बताया कि मजदूर-किसान अपनी मांगों के समर्थन में लगातार संघर्ष कर रहें है और कई बार मोदी सरकार मजदूरों-किसानों की मांगों से अवगत भी कराया गया है। किन्तु अपने कॉरपोरेट आकाओं के सेवा में मोदी सरकार मजदूर-किसानों की समस्याओं को हल करने की बजाय, उसे और बढ़ा रही है और लगातार मजदूरों, आम नागरिकों के विरोध में कानूनों में संशोधन कर रही है। किसान महासभा के इंद्रदेव कुशवाहा ने कहा 16 फरवरी के हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद में हजारों मजदूर-किसान शिरकत करेंगे और सड़कों पर उतर कर मजदूर-किसान और देश विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। एक्टू के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद ने कहा कि देश में मौजूद 44 श्रम कानून को बदलकर 4 लेबर कानून में बदल दिया गया है जो मजदूरों के गुलामी का दास्तावेज है। इसमें काम का घंटा आठ के बदले 12 घंटा कर दिया है। उन्होंने नियम बदल दिया है जिसमें था कि आठ घंटा काम,आठ घंटा आराम और आठ घंटा मनोरंजन है।जो मजदूर बर्दाश्त नहीं करेंगे। बैठक का संचालन पांच सदस्यीय समिति ने किया। बैठक में अच्छेलाल राम, अब्दुल खैर, दिनेश पटेल, रामबाबू महतो,जूलकर नैन, योगेन्द्र यादव, संजय यादव, दिनेश गुप्ता ठाकुर पटेल,सुजायत अंसारी,मनबोध साह, अभिमन्यु राव, बिनोद कुशवाहा, ठाकुर साह आदि उपस्थित थे।