प्रभात इंडिया न्यूज़ बेतिया/नरकटियागंज/बगहा/भितहां
सोनू भारद्वाज/गुलाम साबिर/समीउल्ला कासमी/प्रभुनाथ यादव )हर-हर भोले, नम्ः शिवाये से गुंजा पश्चिम चम्पारण
नगर के सभी शिवालयों में प्रातः चार बजे से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। महाशिवरात्री के दिन श्रद्धालुओं की कतार खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी। नर-नारियों का जत्था जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए शाम तक मंदिरों मंे पहुंचते रहे। नगर के विभिन्न जगहो शिवमंदिरों में शिव शंकर के तार-तरह के भक्ति गीत सुनने को मिला। जलाभिषेक के समय महिलाएं एवं कुआरी कन्याओं ने शिव जी की पूजा अर्चना के दौरा लोक गीत ’’मानत त नाही शिव के मनवो ना भो भांग धतुर कहा पाई हो शिव मानत नाहि’’, ‘‘ऐ गणेश के पापा हमसे भांग न पिसाई हो’’ आदि गाने सुनने को मिले। खास तो यह कि रूद्राभिषेक और महामृत्युजय महायज्ञों का आयोजन लगभग सभी शहरी और ग्रामीण शिवालयों के अलावा घरों में हुए। जिससे पूरा इलाका भक्तिमय बना रहा। नगर के तीन लालटेन चौक, हरिवाटिका चौक, ऐतिहासिक सागर पोखरा, दुर्गाबाग, पिउनीबाग, कालीधाम, स्टेशन चौक, संतघाट, रामजानकी मंदिर, जगदंबानगर मंदिर समेत अन्य शिवालयों में शिवभक्तों ओर से शिवचालीसा और शिव तांडव का पाठ जारी रहा। बेलपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाने का दौर जारी रहा। वही घी, शहद, गन्ने के रस तथा दूध से रूद्राभिषेक करते श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए सपरिवार बैठे दिखे। जिले के वाल्मीकिनगर, बगहा रामनगर, मझौलिया नरकटियागंज, गौनाहा प्रखण्ड के सोफा मंदिर, नौतन, बैरिया सहित जिले के सभी शिवमंदिरों मेंे भारी भीड़ उमड़ने की सूचना मिल है। वही युवकों द्वारा प्रसाद वितरण भी किया गया। इधर रात्रि में बाबा कामेष्वर नाथ मंदिर में आरती की गई। जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर बाबा के मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया। कई महिलाओं ने फलाहारी व्रत भी रखा। महाशिवरात्री की पूजा विधि पर प्रकाश डालते हुए पं. उमा शंकर मिश्र बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत करने से और पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन जो भगवान शिव की पूजा करता है, उसे भूत-प्रेत की पीड़ा, ग्रहों से होने वाली दिक्कतें दूर होती है। आइए जानते हैं इस दिन किस तरह से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और जानिए क्या है पूजा करने की विधि।महाशिवरात्रि को पूजा करते वक्त सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, ऊपर से बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। वहीं अगर घर के आस-पास में शिवालय न हो, तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर भी उसे पूजा जा सकता है। वहीं इस दिन शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए और पाठ करना चाहिए। शिव पुराण में महाशिवरात्रि को दिन-रात पूजा के बारे में कहा गया है और चार पहर दिन में शिवालयों में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाने से शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है। कई लोग चार पहर की पूजा भी करते हैं, जिसमें बार बार शिव का रुद्राभिषेक करना होता है। चारों प्रहर के पूजन में शिवपंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र का जाप करें। भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आरती व परिक्रमा करें। अगर आपने व्रत नहीं किया है तो आपको सामान्य पूजा तो अवश्य करनी चाहिए। जिसमें शिवलिंग को पवित्र जल, दूध और मधु से स्नापन करवाएं। भगवान को बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद धूप बत्तीत करें। फिर दीपक जलाएं। ऐसा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन इन दो मंत्रों का जाप करें। शिव वंदना ओम् वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम। वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पति।। वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम्। वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवंशंकरम्।। ऐसे करें पूजा माना जाता है कि शिव को प्रसन्न करना जितना आसान है उतना मुश्किल भी है। शिवरात्रि के दिन व्रती को दिनभर निराहार रहकर शिव मंत्र (ऊं नमः शिवाय) का जाप करना चाहिए। यह जप बहुत ही फलदायी होता है और भगवान शिव भी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। रोगी, अशक्त और वृद्ध दिन में फलाहार लेकर रात्रि पूजा कर सकते हैं। शिवपुराण में रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा का विधान है। शाम को स्नान करके किसी शिव मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुंड एवं रुद्राक्ष धारण करके पूजा का संकल्प करना चाहिए। व्रती को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से रात के चारों प्रहर पूजा करनी चाहिए साथ ही भोग भी लगाना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें। चारों प्रहर के पूजन में शिवपंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र का जाप करें। भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आरती व परिक्रमा करें। मझौलिया प्रखण्ड क्षेत्र विभिन्न शिवालयों में शिव मन्दिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। सुबह से ही नदी तलाबों में स्नान कर शिव भक्त शिवालयों में शिव लिंग पर मध, गाय का दूध से जलाभिषेक किया गया।वही कई शिवालयों में दोपहर तक जबरदस्त भीड़ उमड़ा देखा गया।शिव लिंग पर धतूर के फूल व बेल पत्र व कई भक्तों ने भांग व धतूरा पीस कर शिव लिंग पर चढ़ाते दिखे और जगत गुरु शिव की जयकारा लगाते हुये भावर देते रहे।राज घाट शिव मंदिर,सरिसवा शिव मंदिर, पतालेश्वर महादेव मझौलिया, दिनेश्वर महा देव सतभीड़वा,कुड़िया शिव मंदिर आकर्षक का केंद्र बना रहा।महा शिवरात्रि के अवसर पर इन जगहों पर मेला का आयोजन किया गया।इस मौके पर जय महाकाल के नारों के साथ कई झांकियां निकाली गयी जिसमें सरिसवा की सर्वश्रेष्ठ झांकी थी।उधर अवर कुड़िया पंचायत स्थित कुड़िया शिव मंदिर परिसर में काठ के समान का मेला जबरदस्त आकर्षक का केंद्र बना रहा।कुल मिलाकर पूरा प्रखण्ड जगत गुरु शिव के भक्ति में शिव रात्रि की आनंद में ओत पोत है। योगापट्टी प्रखंड के सभी क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व बडे ही धुम धाम से मनाया गया ।कई जगहो पर मेला का आयोजन किया गया।भक्त शिव की उपासना कर मनवांछित फल की कमाना से इस ब्रत को करते है फल फूल और भंग धतुर बेलपत्र कि चढ़कर शिव की पूजा आर्चना करते है और मनवांछित फल की कामना करते है बुद्धिजीवियों का कहना है कि पूर्व काल में शिव की आराधना व उपासना कर चंद्र देव ने प्रजापति दक्ष के श्रॉफ से मुक्ति पाई थी और महाशिवरात्रि के दिन ही शिव और सती का मिलन हुआ था शिव वैराग्य जीवन छोड़ गृहस्थ जीवन में प्रवेश किए थे उसी काल से भक्त महाशिवरात्रि के पर्व को मनाते चले आ रहे है लोगों का यह भी मानना है कि शिव सदा अपने भक्तो दया भाव बनाए रखते है जो भक्त सच्चे हृदय से शिव की आराधना व उपासना करते उसके सारे मनोरथ पुरे होते है और उसके जीवन के सारे कष्ट दुर हो जाते है निरंकार शिव सदा अपने भक्तों पर अपनी कृपा भाव बनाए रखते हैं आज महाशिवरात्रि पर्व पर प्रखंड के सभी क्षेत्रों लोग शिवमय हो मंदिरों में पूजा अर्चना मे डूबे हुये है बडे मंदिरो मे भव्य मेला का आयोजन किया गया है ।जिसमें राम जानकी मंदिर चमैनिया और नवलपुर स्थान व फतेपुर सोना माई स्थान पर मेला का आयोजन बड़े ही सुसज्जित रूप से किया गया। क्षेत्रों के लोगो ने मेला का आनंद उठाया । भितहां सवाददाता के अनुसार शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर विभिन्न शिव मंदिरों पर शिव भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह से हीं शिव मंदिरों के कपाट खुलते ही भक्तों की भारी भीड़ लग गई, और लोग कतार में खड़े होकर जलाभिषेक के लिए अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते नजर आये ! फल-फूल,भांग-धतूर, एवं वेलपत्रों के साथ उत्साहित श्रद्धालु महिलाओं-पुरूषों के भक्तिभाव से वातारण भी भक्तिमय प्रतीत हो रहा था! प्रखंड के खैरवा पंचायत के पालीटोला शिव मंदिर, गुलरिया शिव मंदिर सहित बलूही शिव मंदिर तथा मच्छहा पंचायत के बलुअडवाड़ा शिव मंदिर झवठिया शिव मंदिर सहित हथुअहवा पंचायत के जमुनिया शिव मंदिर रुपही शिव मंदिर सहित चिलवनिया पंचायत के चिलवानिया शिव मंदिर सहित परसौना पंचायत के लक्ष्मीपुर शिव मंदिर सहित सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ रही और लोगों ने भगवान भोले के जलाभिषेक किया। वही खैरवा पंचायत के बलुही मे मेला का आयोजन किया गया। महाशिवरात्रि के अवसर पर भितहां थाना प्रभारी द्वारा सभी शिव मंदिरों पर काफी चौकसी की व्यवस्था की गई थी ! थानाध्यक्ष,सीओ तथा बीडीओ ने महाशिवरात्रि के अवसर पर क्षेत्र के लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी!