गुनाहों से छुटकारे के साथ अपने पूर्वजों की मगफिरत के लिए की जाती है दुवाएं।

प्रभात इंडिया न्यूज बगहा (समीउल्लाह क़ासमी)शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के सभी मस्जिदों और इबादतगाहों में शबे बरात की रात जागकर रात भर इबादत की गई। कहीं कुरान की तिलावत तो कहीं नफली नमाजे अदा कर अपने गुनाहों से तौबा कर हर मुसलमान अपने अल्लाह से शर्मिंदा होते हुए अल्लाह के बताये हुए सच्चे मार्ग पर चलने की दुवा की। इस रात में मुसलमानों की एक साल के मुकद्दर का फैसला होता है।इसलिए हर मुसलमान पूरी रात पाबंदी से जग कर अपने खुदा को राजी करने की कोशिश करता है। ताकी उसके एक साल के मुकद्दर का सही फैसला हो सके। नरवल बोरवल पंचायत के शहिदिया मस्जिद के इमाम हाफिज अब्दुर्राजिक ने बताया कि इस रात में अल्लाह हर मुसलमानो की दुवाओं को सुनता है। इसी रात में इंसानों के गुनाहों को अल्लाह माफ फरमाता है।इसी रात में सभी मुसलमान अपने अपने मस्जिदों इबादतगाहों समेत अपने अपने क्षेत्र के कब्रिस्तानों को सजाता है और चारों तरफ सफाई कर हर जाने आने वाले कब्रिस्तानों में लाइट की वेवस्था की जाती है ताकी रात में कब्रिस्तान जाने आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाइयों नही हो। हाफिज अब्दुर्राजिक ने बताया कि इसी रात में इंसान अपने मरे हुए पूर्वजों के लिए इबादत ईगाहों एवं कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों के लिए मगफिरत की दुवाएं करते हैं। और अल्लाह उनकी दुवावों को कुबूल भी करता है। गौरतलब हो कि यह रात अरबी बहाने से शबान के महीने के 15 वीं शबान की रात को शबे बरात का पर्व मनाया जाता है।और हर साल पूरी दुनिया तक यह पर्व धूम धाम से मनाया जाता रहेगा। उन्होंने ने पूरे मुल्क में अमन शांति के लिए भी अल्लाह से दुवाएं की गई ताकी मुल्क में अमन शांति बना रहे और सभी समुदाय के लोग आपसी भाई चारे के साथ मुल्क में अमन एवं शांति के साथ रह सकें।

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