प्रभात इंडिया न्यूज डेस्क बिहार।बेतिया (सोनू भारद्वाज)

संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों से जुड़े तमाम किसान संगठनों, ट्रेड यूनियन संगठनों तथा खेत मजदूर संगठनों के आह्वान पर 26 नवंबर, 2024 को जिला मुख्यालयों पर चेतावनी मार्च होगा, जिसकी तैयारी में आज भाकपा माले जिला कार्यालय बेतिया में बैठक हुई जिसमें अखिल भारतीय किसान महासभा, खेत व ग्रामीण मजदूर सभा, निर्माण मजदूर सभा, इंकलाबी नौजवान सभा, आदिवासी संघर्ष मोर्चा, बिहार राज्य गन्ना उत्पादक किसान महासभा, मनरेगा मजदूर सभा आदि संगठनों के नेता मौजूद थे, बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश के विकास में मजदूरों, किसानों एवं अन्य मेहनतकश वर्गों का अहम योगदान रहा है। उनकी उन्नति ही सही अर्थों में देश की प्रगति का सूचक है। लेकिन हमारे देश की सरकारें-चाहे केन्द्र की हो या राज्यों की बड़े पूंजीपतियों, कॉरपोरेट घरानों और बड़े भूस्वामियों के निहित स्वार्थों में काम करती हैं। फलस्वरूप एक ओर जहां देश की आम जनता खासकर मेहनतकश अवाम बदहाली की शिकार है, वहीं मुट्ठी भर अमीरों, धन्नासेठों, पूंजीपतियों, भूस्वामियों एवं लुटेरों के पास देश की धन सम्पदा का बड़ा हिस्सा गिरवी है। आगे कहा कि सभी फसलों की खरीद के साथ एमएसपी की कानूनी गारंटी की जाए। और गन्ना का 600 रूपये प्रति किन्टल मूल्य करने, घट तौल पर रोक लगाने की मांग किया, आदिवासी बहुल पंचायतों को संबिधान के अनुसुची में शामिल करने, बिजली क्षेत्र का निजीकरण न हो-कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगाये जाएं और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाए जैसे सवालों को भी उठाया। बैठक में संजय यादव, संजय मुखिया, हरेराम यादव, जवाहर प्रसाद, धर्म नाथ कुशवाहा, नन्दकिशोर महतों, सुरेश दुबे, रवीन्द्र राम, दिनेश गुप्ता आदि नेताओं ने भी अपना विचार व्यक्त किया, नेताओं ने किसानों मजदूरों से बड़ी संख्या में शामिल होकर इस देशव्यापी चेतावनी रैली को सफल बनाने की अपील की है।

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