महापौर ने उपनगर आयुक्त और अन्य के साथ सघन शहरी क्षेत्र सहित नगर निगम के दर्जनों मुख्य छठ घाटों का सघन निरीक्षण,स्वयं भी छठ का व्रत करने के बावजूद पूरे नगर निगम क्षेत्र के मुख्य छठ घाटों पर साफ सफाई और सुरक्षा प्रबंध का लिया जायजा।

प्रभात इंडिया न्यूज डेस्क बिहार।बेतिया (सोनू भारद्वाज)

महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने उपनगर आयुक्त गोपाल कुमार के साथ सघन शहरी क्षेत्र सहित नगर निगम के दर्जनों मुख्य छठ घाटों का निरीक्षण करने के बाद साफ सफाई और सुरक्षा प्रबंध के सुधार का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में चिन्हित कुल 62 से अधिक छठ घाटों पर साफ सफाई और सुरक्षा प्रबंध को फाइनल टच देने का कार्य बुधवार को पूरा कर लिया गया। बावजूद इसके विभिन्न वार्डों के छठ घाटों पर प्रतिनियुक्त नगर निगम कर्मियों को 8 नवंबर को प्रातः कालीन अर्घ्य सम्पन्न होने तक अपने अपने आवंटित छठ घाटों पर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान मिले इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पत्रकार- छायाकारों से महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि हमारा छठ सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह समाज और प्रकृति को जोड़ने का अनूठा महापर्व भी है। छठ बस एक पर्व नहीं है, बल्कि आज की आधुनिक दुनिया की चकाचौंध और भागदौड़ से भरी जिंदगी में भी पुस्त दर पुस्त से जारी परंपराओं को मजबूत करने वाले अटूट धागे की तरह है। महापौर ने बताया एक एक छठ व्रती को छठी मईया का प्रतिरूप मानने वाले इस महापर्व में समाज का सारा भेदभाव धूमिल हो जाता है। न कोई बड़ा होता है, न कोई छोटा, सभी एक समान हो जाते हैं। इस पर्व का आस्था के संग सरोकार का दायरा भी बड़ा है। यह महापर्व से लाखों गरीबों का रोजगार जुड़ा होता है, खासकर बांसफोर लोगों के लिए जो महीनों से छठ का दऊरा, सुपली बनाने में लग जाती हैं। महापौर ने बताया कि अपनी सासू मां के वृद्धवस्था के कारण, वे अपने कुल की परंपरा के अनुसार स्वयं भी छठ महापर्व का अनुष्ठान कर रही हैं।

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