प्रभात इंडिया न्यूज/डेस्क/बिहार। दिनेश शुक्ल
मधुबनी प्रखंड अन्तर्गत दियारावर्ती पंचायत को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं करने को लेकर सिसही एव चिउरही पंचायत के ग्रामीणों द्वारा अंचल कार्यालय पर चल रहे आमरण अनशन एव भूख हड़ताल दूसरे दिन जिलाधिकारी के आश्वासन पर समाप्त हो गया। वाल्मिकीनगर के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह द्वारा जूस पिलाकर अनशन तोड़वाया गया।अनशन का नेतृत्व कर रहे चिउरही पंचायत के मुखिया विजय यादव ने बताया कि, विधायक के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम जिलाधिकारी से मिला। जिसमे जिलाधिकारी ने दो दिन के अंदर जांच टीम गठित करने की बात कहीं। एवं भरपूर सहयोग करने का वादा किया। एवं अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरणकरण की मांग करने की बात कही। उसके बाद विधायक, प्रमुख, सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ टीम धरना स्थल पर पहुंचा। जहां विधायक ने जूस पिलाकर अनशन को खत्म कराया।गौर तलव हों कि, दियारा क्षेत्र के सिसही एवं चिउरही पंचायत के बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया गया है। जिसके बाद दोनों पंचायतों के लोग 17 अक्तुबर से अंचल कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठे थे। अनशन के दूसरे दिन शुक्रवार को वाल्मिकीनगर के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह द्वारा धरना स्थल पर पहुंच ग्रामीणों का हाल जाना व हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। साथ ही जिलाधिकारी से दूरभाष पर बात कराया। जिसमे जिलाधिकारी ने आमरण अनशन पर बैठे लोगों को आश्वाशन दिया कि, टीम गठित कर जांच कराई जाएगी। एव जांच उपरांत बाढ़ प्रभावित घोषित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। जिसके बाद विधायक द्वारा एक प्रतिनिधी मण्डल को जिलाधिकारी से भेट करने की बात कही गई। एवं प्रतिनिधी मण्डल बेतिया के लिए रवाना हो गया। बाकी ग्रामीणों का आमरण अनशन जारी है। संतोषजनक जवाब मिलने पर आमरण अनशन खत्म किया जाएगा।
वही अंचलाधिकारी द्वारा मनाने की कोशिश किया गया।
गौरवतलब हो कि, चिउरही एव सिसही पंचायत में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में 120 घंटे तक रहा है। अंचलाधिकारी द्वारा तीन दिन तक सामुदायिक कीचन भी चलाया गया है। पंरतु बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया गया है। जिससे बाढ़ पीड़ितों को सहायता नहीं मील पा रही हैं। सिसही एव चिउरही पंचायतों के सभी घरो में 28 सितंबर की रात में पानी घुस गया था। एव 02 तारीख को घरों से पानी निकला। प्रशासन द्वारा नाव चलाया गया था। व एन डी आर एफ की टीम भी बाढ़ प्रभावित लोगों को निकालने में लगी थीं। फिर भी प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया जा रहा है। जिससे नाराज होकर दोनों पंचायतों के ग्रामीण गुरुवार से अंचल कार्यालय में आमरण अनशन पर बैठें हैं।