15 दिनों के उपस्थित होने का आदेश पारित। मामला मु थाने के करनमेया महावीरी अखाड़ा का।16 वर्षों के बाद तत्कालीन डीएम को देना होगा जवाब।
प्रभात इंडिया न्यूज/डेस्क/बिहार/बेतिया (सोनू भारद्वाज)।
12/8/2008 को पश्चिमी चंपारण जिला समाहरणालय में तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार की अध्यक्षता में, करनमेया महावीरी अखाड़े विवाद को लेकर एक जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक हुई, जिसमें सभी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, डॉक्टर N.N शाही वगैरा मौजूद थे, मैं भी तत्कालीन युवा कला संस्कृति मंत्री रेणु देवी के प्रतिनिधि के तौर पर संघ परिवार के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के नाते सम्मिलित हुआ। उक्त बातें ब्रजराज श्रीवास्तव अधिवक्ता और विजय कश्यप ने जिला विधिक पुस्तकालय में प्रेस वार्ता के दौरान संयुक्त रुप से कहीं आगे उन्होंने कहा कि विजय कश्यप ,उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं चनपटिया के प्रखंड के निवासी होने के नाते उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किया। आगे उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता, आरएसएस के अधिकारी होने के नाते बैठक में आमंत्रित थे, पूर्वाग्रह से ग्रसित तथा पूर्व नियोजित एजेंडे पर प्रशासन की बैठक में उक्त घटनास्थल को आगे के लिए 100 वर्षों से चले आ रहे महावीर आखाड़ा मेले को प्रतिबंधित किया गया। 8 अगस्त को नाग पंचमी के दिन मेले पर हुए आक्रमण में 14 लोगों को गहरे जख्म आए थे, उनके द्वारा दिए गए आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई की पर जब म जानने की जिज्ञासा प्रकट की तो मुझे ओ एस डी, विनोद आनंद द्वारा जोर के थप्पड़ एवं लात घुसो से सरेआम पीटा गया एवं कमांडो बुलाकर एसपी K.S अनुपमा द्वारा अरेस्ट कर लिया गया। तत्पश्चात आपति प्रकट करने पर इन्हें भी कालर पड़कर थप्पड़ लगाए गए एवं कुदा से पीटा गया तथा अरेस्ट कर लिया गया। हम दोनों को भूखे प्यासे रखते हुए थाने में फिर शारीरिक प्रताड़ना दी गई, एवं रात्रि में 9:00 बजे उग्रवादी (टेरोरिस्ट सेल) में डाल दिया गया । हमारे पिटीशन को सी जे एम ने रिजेक्ट किया कोर्ट परिवाद संख्या 2260/2008 डीजे ने रिजेक्ट किया फिर माननीय उच्च न्यायालय के डी डी झा की पीठ ने, सी जे एम, डी जे पर निरीक्षण न्यायाधीश बहाल कर जांच कराया एवं डी एम दिलीप कुमार पर क्रिमिनल सेक्शन में बेतिया सी जी एम कोर्ट में 7 सितंबर 2010 को आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया।।
तत्पश्चात प्रतिवादी कलेक्टर दिलीप कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध राहत के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लेकिन पिछले 26 जुलाई 2023 को न्यायाधीश अभय एस एवं न्यायाधीश, ओका जे, द्वारा 2010 से लेकर 13 सालों तक उच्चतम न्यायालय में कलेक्टर दिलीप कुमार द्वारा दी गई दलीलों एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश यु यु ललित जैसे अधिवक्ताओं के प्रयासों के बावजूद भी उपरोक्त बेंच ने उच्च न्यायालय के माननीय डी डी झां की पीठ ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को पुनः स्थापित करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय की संयुक्त खंडपीठ ने 7 आपराधिक धाराओं में बेतिया मुख्य दंडाधिकारी के न्यायालय में अपराधिक मुकदमा चलाने का जो आदेश दिया था, उस पर कल दिनांक 21 अगस्त को एस डी जी एम के न्यायालय, बेतिया द्वारा 7 आपराधिक धाराओं में कलेक्टर दिलीप कुमार को दोषी मानते हुए उनको नोटिस निर्गत किया है, जो 15 दिनों में आकर उन्हें नोटिस का जवाब देना है।
आगे उन्होंने कहा कि आज की इस घटना को आम जनता की लोकतंत्र के संवैधानिक जीत के रूप में दर्ज किया जाए इस तरह का संदेश आज संयुक्त वार्ता में आज देशवाशियो को संदेश दिया। गत 16 वर्षों में माननीय अधिवक्ता बंधुओ ने निशुल्क के इस न्याय की लड़ाई में जो मदद और सहयोग किया है उसके लिए तमाम राष्ट्रभक्त जनता उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करती है, जिसमें हमारे स्थानीय अधिवक्ता मित्रों तथा माननीय उच्च न्यायालय पटना एवं सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के दूरस्थ मित्रों ने भी अपने जी जान से इस लड़ाई को लड़ने में अपनी शिद्दत दिखाई। इस मौके पर कई अधिवक्ता मौजूद रहे। इस मौके पर योगेंद्र मिश्र अधिवक्ता विधि संघ के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता राजन मिश्रा, ओमप्रकाश वर्मा, विनय नाथ शर्मा ,अनिल श्रीवास्तव और समाजिक कार्यकर्ता एम राम दयाल प्रसाद मौजूद रहे।