बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो ! भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर निकलो !!चार श्रम कोड को वापस लो।
प्रभात इंडिया न्यूज बेतिया (सोनू भारद्वाज)
क्रांति दिवस पर बेतिया में किसान महासभा और ऐक्टू ने रेलवे स्टेशन से जुलूस निकाल कर जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया प्रदर्शन के दौरान बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो ! भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर निकलो !,चार श्रम कोड को वापस लो किसानों को एम.एस.पी. कि गारंटी दो। किसानों का कर्ज मुक्ति करो, खाद्य सुरक्षा की गारण्टी करो! चार श्रम कोड को वापस लो आदि नारा लगा रहे थे। किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने घोषणा किया था कि किसानों की आय 2022 तक दुगुना हो जाऐगा, माले नेता ने कहा कि मोदी के सिफारिश के अनुसार एम. एस. पी. के तहत सी 2+50 सरकार को देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों को ऋण 16 लाख करोड़ माफ़ कर दिया गया है। लेकिन कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों की जिंदगी तबाह कर दिया है। उन्होंने ने कहा कि किसानों के सभी तरह की कृषि ऋण माफ़ कर दिया जाय, खाद्य सुरक्षा की गारंटी हो,भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर निकले ताकि भारतीय कृषि और किसानों की सुरक्षा हो सकें।
ऐक्टू जिला अध्यक्ष जवाहर प्रसाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 4 श्रम कोड लाकर कारपोरेट घरानों को मदद कर रहीं हैं, उन्होंने कहा कि यह चार श्रम कोड मजदूरों को गुलाम बनाने का कानून है इसे तत्काल रद्द करने की मांग किया,3 नए फौजदारी कानून को रद्द करने, संविदा- ठिका व स्कीम पर नियोजन प्रथा को समाप्त कर ऐसे सभी कर्मियों का वेतन 36 हजार व पेंशन 10 हजार करने की मांग किया ऐक्टू नेता जवाहर प्रसाद ने मोदी सरकार पर देश मे चरम आर्थिक असमानता बढाने व मजदूरों के कानूनी व संवैधानिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया और मजदूरों के समाप्त किए अधिकारों खासकर 4 श्रम संहिता को रद्द कर 44 श्रम कानून को बहाल करने ,ईपीएफ जुर्माना में मालिक पक्षीय छूट को रद्द करने की मांग किया । उन्होंने आधुनिक गुलामी का प्रतीक बताए हुते स्थायी कामो में ठिका-संविदा,स्कीम व आउटसोर्स प्रथा पर रोक लगाने तथा इन कार्यों में कार्यरत कर्मियों का वेतन 36 हजार मासिक व 10 हजार पेंशन देने की मांग किया। किसान नेता संजय यादव ने कहा कि चरम असमानता बढाने वाली मोदी सरकार की विनाशकारी मजदूर विरोधी नीतियों के ख़िलाक आज यह प्रदर्शन किया जा रहा है आगे कहा कि मजदूरों ने आज मोदी सरकार की तानाशाही, जन-विरोधी- मजदूर विरोधी विनाशकारी नीतियों के खिलाफ लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के सवाल पर जिला समाहर्ता के प्रदर्शन किया।
आगे कहा कि बिहार में हुए जाति जनगणना व आर्थिक सर्वे में 95 लाख (94 लाख 33 हजार 312 परिवार) गरीब परिवार जो 6 हजार से कम मासिक आमदनी वाले है जिन्हें नीतीश सरकार ने 2-2 लाख सहायता राशि देने की घोषणा की थी
मगर आय प्रमाण पत्र का शर्त लगा कर इस योजना को भी मोदी के तरह जुमला बना देना चाहतीं है जिसे मजदूर होने नहीं देगें इन्द्र देव कुशवाहा, हरेराम यादव, अब्दुल खैर, रामबाबू महतों , किशोरी साह, विनोद कुशवाहा, जोड़ चौधरी, मुजमिल हुसैन, संजय राम, दिनेश पटेल, ठाकुर पटेल, गुलाबी देवी, रविन्द्र राम, रामचन्द्र यादव, फरहान राजा, धर्म कुशवाहा, अफाक अहमद।