प्रभात इंडिया न्यूज state co-editor पिंटू कुमार रौनीयार।
बगहा/चौतरवा।पिछले दो दिनो मे नेपाल मे हो रही बारिश से उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और सीतामढ़ी के कई इलाकों में नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है.गंडक बराज से शुक्रवार की दोपहर तक 3.36 लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया.सुरक्षा के दृष्टिकोण से बराज के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है.पश्चिमी चंपारण में नदियों का जलस्तर बढ़ा।
पश्चिमी चंपारण में पंडई, दोरहम, जमुआ, मनियारी, हड़बोड़ा, अमहवा, दवारदह, गंगुली सहित छोटी बड़ी सभी पहाड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है. इन नदियों का पानी सरेह में फैलने लगा है. कुंडिलपुर में जमुआ और मनिया नदी के पानी से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गयी है.
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गंडक बराज के सारे फाटक खोले गए
पूर्वी चंपारण के सिकरहना में लालबकेया नदी का जल स्तर शुक्रवार को खतरे के निशान को पार कर गया. इधर, गंडक बराज के कार्यपालक अभियंता सियाराम पासवान ने बताया कि गंडक के जल स्तर में वृद्धि हो रही है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंडक बराज के सभी फाटकों को खोला गया है. सभी कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है.
वीटीआर के जंगल में बाढ़ का पानी घुसा
पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से एक बार फिर पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. गुरुवार की रात नेपाल के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्र में हुई मुसलाधार बारिश के बाद पहाड़ी नदी पंडई, दोरहम, जमुआ, मनियारी, हड़बोड़ा, अमहवा, द्वारदह, गंगुली सहित छोटी बड़ी सभी पहाड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है. इन नदियों का पानी अब पश्चिमी चंपारण में सरेह में फैलने लगा है. वहीं नेपाल मे लगातार हो रही बारिश से जंगल मे बाढ का पानी घुस गया है. इससे वन कर्मियों को पेट्रोलिंग मे भी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है. वीटीआर के मदनपुर जंगल का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आने लगा है, जिसके चलते वन्यजीव ऊंचे स्थानो की ओर पलायन करने लगे है.