प्रभात इंडिया न्यूज़ अजय गुप्ता भितहा/मधुबन
जीवन का उद्देश्य क्या है ?
जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है – जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ? जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया – वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!! संसार में दुःख क्यों है ?लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
ईश्वर ने संसारकी रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!क्या ईश्वर है ? कौन हैं वें ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी हैं – उस महान कारण को ही आध्यात्म में ‘ईश्वर’ कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!
भाग्य क्या है ?हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!किस चीज को गंवाकर मनुष्य धनी बनता है ?लोभ..!!
कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!! किस चीज़ के खो जानेपर दुःख नहीं होता ? क्रोध..!! धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ? दया..!!क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?तकलीफें, धोखा..!!
क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?इज़्ज़त, किसी की हाय..!!
ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है?मज़बूरी..!!
दुनियां की अपराजित चीज़ ? सत्य..!!दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ? झूठ..!!
करने लायक सुकून काकार्य ? परोपकार..!!दुनियां की सबसे बुरी लत ? मोह..!!दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?जिंदगी..!!दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?मौत..!!ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?अपनी मूर्खता..!!दुनियां में कभी भी नष्ट, नश्वर न होने वाली चीज़ ?आत्मा और ज्ञान..!!कभी न थमने वाली चीज़? समय.!!.