प्रभात इंडिया न्यूज/लौरिया
लौरिया | बिहार सरकार शिक्षा पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कोई कमी नही रहने दिया है। इसके लिए बिहार सरकार ने जिस विद्यालय में शिक्षक नही थे वहां शिक्षक बहाल कर कमियों को दूर करने का प्रयास किया है। साथ ही बच्चों के बैठने से लेकर एमडीएम तक के ब्यवस्था में कोई कोर कसर नही छोड़ा है। इसी कड़ी में जोड़ते हुए एक मामला लौरिया प्रखंड के गोबरौरा पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य गोबरौरा कन्या विद्यालय की है जहां नामांकित दो सौ तीन बच्चों वाले विद्यालय में मात्र तीन कमरे बच्चों के बैठ कर पढ़ने लायक है। उसमे भी एक कमरा परित्यक्त के स्थिती मे है। जिसमे प्रतिदिन एक सौ सत्तर से एक सौ अस्सी बच्चे पढ़ने आते हैं। उक्त बातों की जानकारी विद्यालय के प्राचार्या अर्चना कुमारी ने दी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिस दिन बच्चो की संख्या बढ़ जाती है, उस दिन बच्चों के बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक कमरा में दो तीन वर्ग के बच्चों को एक साथ बैठाना पड़ता है। इसके अलावा गर्मी के मौसम में जब गर्मी पड़ती है तथा जब बिजली गुल हो जाती है तब बच्चें काफी परेशान हो जाते है। वही इस विद्यालय में सात शिक्षक है। जिसमें महिला शिक्षक कुमारी प्रियंका त्रिपाठी, स्मृति प्रिया, पूजा कुमारी है, जबकि पुरुष शिक्षक अरुण कुमार, गजेंद्र सिंह वर्मा, अर्पित चतुर्वेदी सहित कुल सात शिक्षक शिक्षा दे रहे है। बतादे कि इस विद्यालय में एक से आठ तक के छात्रों की पढाई होती है। तथा यहाँ और कमरा बनवाने के लिए जगह प्रयाप्त है। इस सम्बंध में प्रखंड परियोजना प्रबंधक वीर कुमार सिंह ने बताया कि मैने उक्त विद्यालय की समस्या से जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवगत करा दिया है। नये सत्र में भवन बनने की प्रक्रिया शुरु हो जायेगी।