- होलिका दहन के लिए महज सवा घंटे का मुहूर्त, ज्योतिषाचार्य से जानें होलिका दहन और होली की सही डेट
रंजन कुमार // नरकटियागंज रंगों से भरा त्योहार होली इस बार 24 मार्च को पड़ेगी। 25 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्राकाल सुबह 9.55 से शुरू होकर रात 11.13 बजे तक रहेगा। रंगों से भरा त्योहार होली इस बार 24 मार्च को पड़ेगी। 25 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्राकाल सुबह 9.55 से शुरु होकर रात 11.13 बजे तक रहेगा। ऐसे में भद्रा के बाद रात 11.13 बजे होली जलेगी। इसके चलते लोगों को देर रात तक होलिका दहन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। दहन के लिए महज 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है। ज्योतिषाचार्य सुनील शास्त्री ने बताया कि 25 मार्च को होली मनाई जाएगी। होली पर सौ साल बाद चंद्रग्रहण का योग बन रहा है। हालांकि भारत में दृश्यमान नहीं होने से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च को होलिका का पूजन होगा। फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 8.13 बजे से होगी। अगले दिन 25 मार्च को सुबह 11.44 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक होलिका दहन भद्रा के बाद रात 11.13 से मध्य रात्रि 12.33 के मध्य होगा। होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का बन रहा है। सर्वार्थ रवि योग सुबह 6.20 बजे से सुबह 7.34 बजे तक रहेगा। हाालका की राख को मस्तक पर लगाने का भी विधान है। ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं।
होलिका दहन मुहूर्त समय में जल, मौली, फूल, गुलाल तथा ढाल व खिलौनों की कम से कम चार मालाएं अलग से घर से लाकर सुरक्षित रख लेना चाहिए। इनमें से एक माला पितरों की, दूसरी हनुमान जी की, तीसरी शीतला माता की तथा चौथी अपने परिवार के नाम की होती है। कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। फिर लोटे का शुद्ध जल और पूजन की अन्य सभी वस्तुओं को प्रसन्नचित्त होकर एक-एक करके होलिका को समर्पित करें।
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रोली, अक्षत व फूल आदि को भी पूजन में लगातार प्रयोग करें। गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दें। होलिका दहन होने के बाद होलिका में कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग- गेहूं, चना, जौ भ करें। होली की पवित्र भस्म को घर में रखें। रात में गुड़ के बने पकवान प्रसाद गणेश जी को भेंट कर खाने चाहिए।