प्रभात इंडिया न्यूज प्रमंडल एडिटर बेतिया से (सोनू भारद्वाज)

फाइलेरिया से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा सर्वजन दवा का सेवन कराया जा रहा है। वहीं कुछ ग्रामीण क्षेत्रों मे दवा सेवन से होने वाले भ्रांतियों को तोड़ते हुए उन्हें फाइलेरिया रोधी दवा सेवन का महत्व बताते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, मुखिया, सरपंच वार्ड सदस्य, सहयोगी संस्था के सहयोग से लोगों को सर्वजन दवा खिलाई जा रहीं है। ताकि लोग दवा का सेवन कर हाथीपांव जैसे गंभीर बीमारियों से बच सके। इस संबंध में जिले के डीभीडीसीओ डॉक्टर हरेंद्र कुमार एवं पीसीआई के जिला प्रतिनिधि बिपिन कुमार ने बताया कि हरपुरवा पीपरहिया, बेलबनवा, सहित पंचायत बहुअरवा मे 4500 जनसंख्या वाले क्षेत्र के लोगों को दवा खिलाने आशा कार्यकर्ता गई परंतु कई लोगों ने दवा खाने से इनकार कर दिया जिसे बाद में मुखिया नजमा खातुन, सरपंच, वार्ड सदस्य के द्वारा दवा सेवन का महत्व समझाने और सहयोग देने के बाद लोगों ने अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा का सेवन किया। लोगों को घर घर जाकर हाथी पाँव के बारे मे समझाने एवं दवा सेवन कराए जाने मे स्थानीय आशा जयमनती देवी और आशा फैसिलेटर चंदा देवी का भी सराहनीय योगदान रहा है।

फाइलेरिया से बचाव की जानकारी देने पर हुए लोग कर रहें दवा का सेवन:

आशा जयमनती देवी ने बताया की लोगों को फाइलेरिया से बचाव की जानकारी देने पर आसानी से लोग कर रहें सर्वजन दवा का सेवन। उन्होंने बताया शुरुआत मे ज़ब कुछ जगह दवा के कारण साइड इफेक्ट की बातें सामने आई तब लोग डर से दवा सेवन से बचने लगे परन्तु ज़ब पुनः अख़बार के माध्यम से लोगों ने जाना की शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से हल्का साइड इफेक्ट हो सकता है। ज़ब अधिकारी घूमकर लोगों को समझाने लगे तो इसका अच्छा असर हुआ, लोग अब दवा का महत्व समझ दवा सेवन करना शुरू कर दिए।जयमनती देवी ने बताया की लोगों को साल में एक बार ही इस तरह दवाओं का सेवन कराया जाता है, ताकि फाइलेरिया से लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। जो किसी भी उम्र में हो सकता है। जिसके लक्षण 5 से 10 सालों में दिखाई देते हैं। इसलिए इससे बचाव हेतु लोगों को सर्वजन दवाओं का सेवन कराया जाता है।सभी स्वस्थ व्यक्ति को इस दवा का सेवन करना चाहिए।

दवा सेवन कार्यक्रम की हो रहीं है मॉनीटरिंग:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया की दवा सेवन कार्यक्रम की मॉनीटरिंग की जा रहीं है।उन्होंने बताया की खाली पेट दवा नहीं खानी है।वहीं दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताया कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी-कभी किसी व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, बदन पर चकते एवं खुजली हो सकते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह स्वत: ठीक हो जाएगा। फिर भी ज्यादा दिक्कत होने पर ऐसे लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।पीसीआई के जिलाप्रतिनिधि बिपिन कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली आशा कार्यकर्ताओं एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा अपने सामने खिलाई जा रहीं है।वहीं दवा खिलाने से पहले इस बात की पड़ताल की जाती है कि दवा खाने वालों में कोई गर्भवती महिला न हो वहीं खाली पेट या गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जा रहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!