प्रभात इंडिया न्यूज जिला  ब्यूरो मुजफ्फरपुर/पिंटू कुमार रौनियार 

 

 

कोविड-19 आपदा के दौरान सम्पूर्ण विश्व ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का लोगों ने काफी लाभ लिया है। जनसमान्य के मस्तिष्क पर इसका सकारात्मक प्रभाव रहा, कोरोना जैसे महामारी से निपटने मैं भी आयुर्वेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में लोग आयुर्वेदिक पद्धति से जुड़ रहे हैं।आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने भी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दिया है। वही बिहार सरकार आयुर्वेदिक चिकित्सकों की स्थाई बहाली को अनदेखा कर रही है विगत कई वर्षों से आयुर्वेदिय चिकित्सकों की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है, जो की काफी दु:ख की बात है। जिससे आयुर्वेदिक चिकित्सकों में मायूसी व्याप्त है। हर वर्ष प्रदेश से हजारों छात्र आयुर्वेदिक बीएएमएस की डिग्री लेकर निकल रहे हैं इस परिस्थिति में आयुर्वेद चिकित्सकों की बहाली नहीं होना कहीं ना कहीं चिंताजनक स्थिति है। डॉ विपिन बिहारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा एवं राज्यपाल महोदय से अपील करते हुए कहा है कि अभिलंब आयुष चिकित्सकों की स्थाई भर्ती की जाए जिससे ग्रामीण क्षेत्रों मैं गरीब मरीजों को काफी लाभ मिल सके। डॉ बिहारी ने बताया कि क्षेत्रों में आयुष चिकित्सकों के बहाली के लिए अभियान चलाया जाएगा जल्द ही हर ब्लॉक और जिले स्तर से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के लोग सरकार को ज्ञापन सौंपने का काम करेंगे ।आयुर्वेद के काफी चिकित्सक विगत दो वर्षों से काउंसलिंग करा करके तैनाती की राह देख रहे हैं बिहार तकनीकी चयन आयोग ने सभी लोगों के काउंसलिंग करके जिसमें 3270 आयुष चिकित्सक की तैनाती होना तय है । सरकार से आग्रह है लंबित 3270 की अभिलंब तैनाती करके आयुर्वेद चिकित्सकों से लाभ लिया जाए।

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